।। श्री श्याम दुःख भंजनाष्टक ।।

।। श्री गणेश जी वन्दना ।।

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(स्वर- महेंद्र स्वामी)

रणत भवन से आवो थे रिद्ध-सिद्ध रा भरतार,
संकट हारी हो रही थारी जग में जय-जयकार।
माँ जगदम्बा थारो लाड़ लड़ायों,
पालनो झुलायों थान गोद म खिलायों।
शिवशंकर भोलेरो थे पायों प्यार दुलार,
संकट हारी हो रही ……

दूदँ दुदालों बाबों सूँड सुडालो,
कष्ट पड़ा यो बाबो बन रखवालों।
ठुमक ठुमक कर नाचे पायलरी झनकार,
संकट हारी हो रही ……

मोदक प्रिय मुद मंगल दाता,
सुर नर किन्नर भाग्य विधाता,
गणनायक वरदायक थे देवा रा सरकार,
संकट हारी हो रही ……

प्रथम मनावाँ ध्यावों गणपत राजा,
विघ्न हराऊँ सव सारूँह काजा,
सारा सेवक बाबा थारा ही पूजनहार,
संकट हारी हो रही ……

।। श्री गुरु जी वन्दना ।।

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(स्वर- प्रकाश ओडेका)

मैं शरण पड़ा तेरी, चरणों में जगह देना,
गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना।
करुणानिधि नाम तेरा, करुणा दिखलाओ तुम,
सोये हुए भाग्यो को, हे नाथ जगाओ तुम।
मेरी नाव भवर डोले, इसे पार लगा देना,
गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना।

तुम सुख के सागर हो, निर्धन के सहारे हो,
इस तन में समाये हो, मुझे प्राणों से प्यारे हो।
नित्त माला जपूँ तेरी, नहीं दिल से भुला देना,
गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना।

मैं सब का सेवक हूँ, तेरे चरणों का चेरा हूँ,
नहीं नाथ भुलाना मुझे, इस जग में अकेला हूँ,
तेरे दर का भिखारी हूँ, मेरे दोष मिटा देना,
गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना।

।। श्री हनुमान वन्दना ।।

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(स्वर- रिया शर्मा)

लाल लंगोटो हाथ में घोटो,
थारी जय हो पवन कुमार, वारी जाऊँ बालाजी ……

सालासर थारो देवरो, मेहन्दीपुर भी देवरो,
थारै नौबत बाजै द्वार, वारी जाऊँ बालाजी ……

चैत सुदी पूनम को मेलो बाबा,
थारै आवै भगत अपार, वारी जाऊँ बालाजी ……

ध्वजा नारियल चढ़े चूरमो,
थारै सिर पर छत्र हजार, वारी जाऊँ बालाजी ……

घर-घर में थारी ज्योत जगै है,
भगत करै जयकार, वारी जाऊँ बालाजी ……

भगतां का थे कारज सारो,
थारी महिमा है अपराम्पार, वारी जाऊँ बालाजी ……

।। श्री शिव वन्दना ।।

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(स्वर- नैना गुप्ता)

झूम रहा सारा कैलाश, भोले तेरी भक्ति में
झूम रहा सारा कैलाश, भोले जी की भक्ति में
भोले जी की भक्ति में, भोले जी की भक्ति में।
झूम रहा सारा कैलाश, भोले जी की भक्ति में।
झूम रहा सारा कैलाश, भोले जी की भक्ति में।

डम-डम-डम-डमरू बाजे, मस्त मगन शिव भोला नाचे
बम-बम की जयकार, भोले की भक्ति में,
झूम रहा सारा कैलाश, भोले जी की भक्ति में।

नंदी नाचे, भृंगी नाचे, गणपति संग में कार्तिक नाचे
नाचे है देखो गंगधार, भोले जी की मस्ती में।
नाचे है देखो गंगधार, भोले जी की मस्ती में।

माथे का चंदा भी है झूमे, गंगाधार चरणों को चूमें
मस्ती है देखो अपार, भोले जी की भक्ति में,
झूम रहा सारा कैलाश, भोले जी की भक्ति में।

 

।। माँ की वन्दना ।।

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(स्वर- रिया शर्मा)

म्हाँरो कुन राखोगें ध्यान मैया स बढ़कर
म्हारों कुन राखोगें ……
मैंया से बढ़कर रे मैया स बढ़कर
मैंया नाम स चाल है गुजारों
मैंया है म्हार जीने को सहारों
रहनों है म्हानं तो चरणों में पड़के
म्हारो कुन राखोगें ……

जी चाहे सकराय धाम जाऊँ
भजन सुनाँऊ और थान म रिझाऊँ
होव घर छोटो सो मंदिर स अड़कर
म्हारो कुन राखोगें ……

सेवा सचिन यो खूब निभासी
नित थारों सिंगार सजासी
चूनड़ उड़ाऊँ हीरा-मोत्या जड़कर
म्हारो कुन राखोगें ……

 

।। श्री पितरेश वन्दना ।।

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(स्वर- रिया शर्मा)

आओ जी आओ, घर का देव मनावाँ,
पितरां के धोक लगावाँ जी, घर का देव मनावाँ ।।
टेर ।।

पितरां के नाम क़ो गूंजै जयकारौ,
पितरां न पूजॉ हाँ जी भाग्य हमारो ।
पेण्डा मेँ दिवलो जलावा ज़ी, घर का देव मनावाँ ।।

जय-जय-जय-जय पितरजी हो थारी,
थारी ही शरण आया, लाज राखो म्हारी ।
थारो ही आशीर्वाद चाह्वां जी, घर का देव मनावाँ ।।

पितरां के नाम को नारियल पधाराँ,
रवि कहे सगला ही, कारज सुधाराँ ।
प्रचार मण्डल सागै, गावाँ जी, घर का देव मनावाँ ।।

।। श्री श्याम प्रभु की ज्योत ।।

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(स्वर- प्रकाश ओडेका)

जलती रहे खाटू वाले, ज्योत तेरी जलती रहे,
किसने बाबा तेरा भवन बनाया-२,
किसने चॅवर डुलाया, ज्योत तेरी …….. ।।

भक्तों ने बाबा तेरा भवन बनाया-२,
सेवक चॅवर डुलाया, ज्योत तेरी …….. ।।

केशर चोलो बाबा अंग बिराजे-२,
चन्दन तिलक लगाया, ज्योत तेरी …….. ।।

ध्वजा नारियल सवा रुपइयो-२,
तेरे भेंट चढ़ाया, ज्योत तेरी …….. ।।

माखन मिश्री का थाल सजाया-२,
तेरे भोग लगाया, ज्योत तेरी …….. ।।

दूर दूर से यात्री आवे-२,
आकर शीश नवाये, ज्योत तेरी …….. ।।

काशीरामजी ने ध्यान लगाया-२,
अपने पास बुलाया, ज्योत तेरी …….. ।।

प्रचार मण्डल’ बाबा दर तेरे आया-२,
आकर शीश नवाया, ज्योत तेरी …….. ।।

 

।।बैठ नजदीक तूं ।।

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(स्वर- नैना गुप्ता)

बैठ नजदीक तूं सांवरे के, तार से तार जुड़ने लगेगा,
देख नजरों से नजरें मिलाके, तुमसे बातें वो करने लगेगा।
टेर

ये है भूखा तेरी भावना का, ये है प्यासा तेरे प्रेम रस का,
नंगे पैरों ही ये दौड़ा आता, प्रेमियों का इसे ऐसा चस्का,
प्रेम जितना तूं इससे बढ़ाये, इतना तेरी तरफ ये बढ़ेगा।

पास में बैठ कर के प्रभु को, अपने दिल की हकीकत सुनाओ,
एकटक तुम छवि को निहारो, कोई प्यारी सी धुन गुनगुनाओ,
भाव जागेंगे तेरे हृदय में, प्रेम तेरा उमड़ने लगेगा।

होगी आँखों ही आँखों में बातें, खूब समझोगे इसके ईशारे,
देगा निर्देश तुमको कन्हैया, बनते जाओगे तुम इसके प्यारे,
इसके कहने में जब तुम चलोगे, नाम दुनिया में तेरा चलेगा।

श्याम से प्यार जिसने किया है, स्वाद जीवन का उसने लिया है,
जिसने नजदिकियाँ है बढ़ाई, उसने मस्ती का प्याला पिया है,
बिन्नु होठों पे रख कर के देखो, सारा जीवन महकने लगेगा।

।।बरसां स यो दिन आयो।।

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(स्वर- देवकी नंदन मालपाणी)

बरसां स यो दिन आयो, हिवड़े में हेत समायो,
बाबा पधारिया म्हारे अंगना…

मोर मुकट पे थारे सोवे किलंगी जी,
घेर घुमेर बागो आभा सतरंगी जी,
सेवक आ चवर दुलावे,
सगळा मिल महिमा गावे,
साज सुरीला बाजे बाज ना,
बरसां स यो दिन आयो…

थारे गले में सोवे हार हजारी जी,
फुला का गजरा जाकी शोभा है भारी जी,
इतर की बरखा हॉवे, झांकी सेको मन मोहे,
नर नारी आया म्हारे बारना,
बरसां स यो दिन आयो…

ऊँचे आसन पर बाबा श्याम विराजे जी,
काना में सोहना सोहना कुंडलियां साजे जी,
भगता सु प्रीत लगाई अर्जी की करे सुनाई,
हर्ष पधारेया माहरे पावना,
बरसां स यो दिन आयो…

।।दीनानाथ मेरी बात।।

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(स्वर- प्रिया पोद्दार)

दीनानाथ मेरी बात छानी कोनी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा जासी कठे मेरे से।
खाटूवाले श्याम तेरी शरण में आ गयो,
श्याम प्रभु रुप तेरो नैना मेँ समा गयो,
बिसरावै मति बाबा हार मानी तेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा…

बालक हूँ मैं तेरो श्याम मुझको निभाय ले,
दुखड़े को मारो मनै कालजे लगाय ले,
पथ दिखलादे बाबा काढ़ ले अँधेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा…

मुरली अधर पे कदम तले झूमे है,
भगत खड्या तेरे चरणां न चूमे है,
खाली हाथ बोल कैंया जाऊँ तेरे डेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा…

तू ही मेरा हमदम बाबा तू ही मेरा यार है,
खाटू वाले श्याम बाबा तू ही मेरा प्यार है,
इतनों तो बतलादे दूर जाउ कैयां मैं तेरे से,
आँखड़ली चुराकर बाबा…

।।इक दिन सोच रहा था मैं।।

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(स्वर- देवकी नंदन मालपाणी)

इक दिन सोच रहा था मैं, यु ही बैठा बैठा,
श्याम नहीं होता तो, फिर मेरा क्या होता
नैया में छेद मेरी, ले गया लहर में,
तूने बचाली वरना, डुबती भंवर में,
जोर हिलोरे खाये, कैसे इसको मैं खेता,
श्याम नहीं होता तो, फिर मेरा क्या होता

दाव जो भी खेला मैंने, उल्टा पड़ा है,
ये तो भला है मेरे, साथ तू खड़ा है,
जाने कितना पाता, जाने कितना खोता,
श्याम नहीं होता तो, फिर मेरा क्या होता

जिस हाल में थे सारे, छोड़ गये वैसा,
तूने ही थामा मुझको, श्याम हमेशा,
आंख सचिन की पोछी, जब देखा है रोता,
श्याम नहीं होता तो, फिर मेरा क्या होता

।।हेलो आयो रे।।

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(स्वर- प्रकाश ओडेका)

हेलो आयो रे साथीड़ो, बाबो श्याम बुलायो रे…
हेलो आयो रे साथीड़ो, बाबो श्याम बुलायो रे,
श्याम बुलायो, श्याम बुलायो, श्याम बुलायो रे…

खाटू की नगरी में, बाबा श्यामधनी की थिडो रे,
ज्यांसु मिलने की खातिर, यो मनडो लालचयो रे,
हेलो आयो रे…

फागणिये म भोत जोर को, मेलो श्याम को लागे रे,
श्याम ध्वजा ले रींगस स थे, पैदल जाज्यो रे,
हेलो आयो रे…

बाज चंग अनोखाँ, जाकि तान पर सेवक नाचरे,
घूमर झाँकी देख देखकर, म्हारो मन हरसायो रे,
हेलो आयो रे…

 

।।खाटु म बैठ्यो।।

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(स्वर- नैना गुप्ता)

(तर्ज: आने से उसके आये बहार.. )
खाटु म बैठ्यो साँवरियो सेठ, आज्या तु करले बाबा स भेट,
बड़ों ही दयालु है, बाबो श्याम मेरो,
बड़ों ही कृपालु है, बाबो श्याम मेरो ।। टेर ।।
दर बदर क्यूँ भटकै, जद मिलगो तनै यो ठिकानों,
साथ यो निभासी, देखले तू भी बनकर दिवानों,
ऑगणियै आयो है, खाटु स चलकर यो ठेठ ।।
हाल यो सुनादे, बाबा न आकर तू सारों,
है दयालु बाबों, जानै कितना को जीवन सँवारयो,
तेरे भी जीवन को, संकट देसी पल म यो मेट ।।
है बड़ों ही साँचों, खाटु को धाम यो प्यारो.
'शिव सुबोध' जो आसी, सच्चे मन से बणै काम थारो,
देर ना कर बेगो आ, अन्नदाता यो सबको भरै पेट ।।

(स्वर- नैना गुप्ता)

।।कई दिना सूं।।

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(स्वर- देवकी नंदन मालपाणी)

(तर्ज: चांद चढ्यो गिगनार)

कई दिना सूं डिकता या, फागुन की रुत आई जी।
मीठी मीठी भाल बसंती, को संदेशों ल्यायी जी।
फागण का दिन चार, भगतों, हो जाओ तैयार,
आयो होली रो त्यौहार, सांवरो आवेलो जी आवेलो।

श्याम धनी दातार बावो, खाटू रो सिरदारबाबो,
हो लीले असवार, सांवरो आवेलो जी आवेलो।

जद सु थारी सूरत देखी, राता नींद गंवाई जी।
सज धज कर सिंहासन बैठया, म्हारे काई समाई जी।
चमक रहयो दरबार थारो, फुला रो सिंगार,
थारो सूरत कामनगार, सांवरो आवेलो जी आवेलो।

फागणियो रंगीलो महीनो, सेवक चंग बजावे जी।
मंदिर माही घुमर चाले, मीठा भजन सुनावे जी।
उड़ रहयो रंग गुलाल, हो रही इतर की बौछार,
देखो हो रही जय जयकार, सांवरो आवेलो जी आवेलो।

।।ओ श्याम मुरारी।।

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(स्वर- रितेश बरनवाल)

ओ श्याम मुरारी, कब तक यूँ तरसावैगो बता,
म्हारा श्यामजी, खाटुवाला श्याम।
टेर।

कब स बाट निहारता, हो गई म्हानै देर,
करनी पड़सी साँवरा, अपने भगत पर म्हैर,
ओ श्याम मुरारी, कब करूणा बरसावैगो बता,
म्हारा श्यामजी…

मस्ती भरदे साँवरा, दो नैणा क माय,
दर्दी आयो बारणे, एकबर हँस बतलाय,
ओ श्याम मुरारी, कब तक धीरज धारू तू बता,
म्हारा श्यामजी…

अरजी सुण ‘शिव सुबोध’ की, मुलकै देखो श्याम,
दास तिहारो साँवरा, आयो खाटु धाम,
ओ श्याम मुरारी, भगता न तरसावै क्यू बता,
म्हारा श्यामजी…

।।काल रात ने सुपणो।।

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(स्वर- देवकी नंदन मालपाणी)

काल रात ने सुपणो आयो, बाबो हेला मारे,
मंदिर में मेरो मन नहीं लागे, मनै ले चालो सागै।

भगत मेरा मनै याद करै, और खाटू ना आ पावै,
कालजड़ो मेरो भर भर आवै, कुछ भी नहीं सुहावै।

भाव भजन थारा चोखा लागै, याद घणेरी आवै,
लीलो भी मेरो छम छम नाचे, बिल्कुल ना रूक पावै।

राख भरोसो बाबो थारो, था पर जान लुटावै,
बणीं न कोई आफत एसी, जो थानै भरमावै।

संजू बोले वनवारी यो, सुपणो सच हो जावे,
म्हारे घरा ले चालु बाबा, थाने म्हारे सागे।

।।प्यारा सा मुखड़ा।।

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(स्वर- राहुल प्रजापति)

प्यारा सा मुखड़ा, घुंघराले केश,
कलयुग का राजा, खाटु नरेश,
हारे का सहारा है, मेरा श्याम धणी,
भक्तो का दुलारा है, मेरा श्याम धणी।


बन संवर के बैठा, ये तो दरबार अपना लगा के,
देख लो करिश्मा, श्याम चरणों में सर को झुका के,
कष्ट कटे दुखड़े मिटे, देता छुटकारा है,
मेरा श्याम धणी, भक्तो का दुलारा है, मेरा श्याम धणी।


आ रहे है लाखो, श्याम बाबा का करते है दर्शन,
ध्यान से जो देखे, इनके चेहरे में है वो आकर्षण,
दीवाना कर देता, ऐसा जादुगारा है,
मेरा श्याम धणी, भक्तो का दुलारा है, मेरा श्याम धणी।


मुझको जो कुछ मिला है, कैसे शब्दों में वर्णन करूँ मैं,
बार बार आकर, इस दाता के पड़या पडू मैं,
दिल मेरा यूँ बोले, ‘बिन्नू’ ये तुम्हारा है,
मेरा श्याम धणी, भक्तो का दुलारा है, मेरा श्याम धणी।

।।मेरा श्याम बड़ा रंगीला।।

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(स्वर- राहुल प्रजापति)

दोहा:
रंगीले घनश्याम को, बरसै रंग अपार
छीटा जै के लागगा, वो हो गया भव सूँ पार ।।

मेरा श्याम बड़ा रंगीला …

मस्ती बरसेगी, कीर्तन में।
कोई श्याम को रिझाकर देखे,
उमरिया सुधरेगी, कीर्तन में।।

कोई श्याम को सजाकर देखे,
खुशबू महकेगी, कीर्तन में।।

कोई श्याम को नचाकर देखे,
मुरलिया गूंजेगी, कीर्तन में।।

“नन्दू” चलो भजन सुणावां,
चदरिया निखरेगी, कीर्तन में।।

।।दे दे थोड़ा प्यार बाबा।।

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(स्वर- रितेश बरनवाल)

दे दे थोड़ा प्यार बाबा,
तेरा क्या घट जायेगा,
ये बालक भी तर जायेगा,
दे दे थोड़ा प्यार ………

दे दिया तुमने,
सबको सहारा श्याम,
जो द्वारे आया है,
भर दिया दामन,
उसका खुशी से श्याम,
जो अर्जी लाया है,
दे दे थोड़ा प्यार ………

मुझको देने से खजाना,
कम नहीं हो जायेगा,
ये बालक भी तर जायेगा,
दे दे थोड़ा प्यार ………

कश्ती मेरी ये श्याम,
तेरे हवाले है,
इसे तुम पार करो,
अगर दे दिया मुझको,
तूने किनारा श्याम,
तो ये विश्वास करो,
ये तेरा दरबार,
ये तेरा दरबार जय जयकारो,
से गुंज जायेगा,
ये बालक भी तर जायेगा,
दे दे थोड़ा प्यार ………

ये ज़िंदगानी श्याम लिख दी,
हमने तुम्हारे नाम पे,
हम बेसहारा है भटके कहाँ,
तू आकर थाम ले,
श्याम तेरा अहसान,
सेवक भूलने न पाएगा,
यह बालक भी तर जायेगा,
दे दे थोड़ा प्यार ……

।।डोंरी खैच क राखिजे।।

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(स्वर- प्रकाश ओडेका)

डोंरी खैच क राखिजे, यो है बाबा को निशान।
पैदल चालणिये क साग, चाल बाबो श्याम।।
श्याम को निशान, बड़भागी उठाव, किस्मत वालो खाटू जाव,
सार रास्ता म करतो रजै एको गुणगान, पैदल चालणिया ….
श्याम तेरा साग-साग मत घबराव, धीर-धीर चाल बाबो पार लगाव,
तन ज्यादा के समझाऊं अकी महीमा न पहचान, पैदल चालणिया ….
श्याम धणी तेरो रखवारो, तेरी झोली भरन वालो,
लम्बी खाइजे तू धोक, तेरा होसी बेड़ा पार, पैदल चालणिया ….
रींगस खाटू साथ-साथ, थोड़ा चल तू उछल-उछल क,
बैगो चाल रे बनवारी, आगयो-आगयो खाटू धाम, पैदल चालणिया ….

।।कीर्तन की है रात बाबा।।

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(स्वर- प्रकाश ओडेका)

(तर्ज: एक तेरा साथ………)
कीर्तन की है रात बाबा, आज थानें आनो है,
थाने कौल निभाणो है।। टेर ।।
दरबार साँवरिया, ऐसो सज्यो प्यारो, दयालु आपको,
सेवा में साँवरिया, सगला खड्या डीकै, हुकुम बस आपको,
सेवा में थारी, म्हाने आज विछजाणो है,
थाने ….
कीर्तन की है त्यारी, कीर्तन करां जमकर, प्रभु क्यूं देर करो,
वादो थारो दाता, कीर्तन में आणे को, धणी क्यूं देर करो,
भजनां सूं थाने, म्हाने आज रिझाणो है,
थाने ….
जो कुछ बण्यो म्हासूं, अर्पण प्रभु सारो, प्रभु स्वीकार करो,
नादान सूं गलती, होती ही आई है, प्रभु मत ध्यान धरो,
नन्दू साँवरिया, थारो दास पुराणो है,

।।मेरा आपकी कृपा से।।

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(स्वर- प्रकाश ओडेका)

(तर्ज – मुझे इश्क है तुम्हीं से ….)
मेरा आपकी कृपा से, हर काम हो रहा है,
करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है ।। टेर ।।
मेरी जिन्दगी में तू है, मेरे पास क्या कमी है,
मुझे और अब किसी की, दरकार भी नहीं है,
बस होता रहे हमेशा, जो कुछ भी हो रहा है।।
करता नहीं मैं फिर भी, हर काम हो रहा है,
कान्हां तेरी बदौलत, आराम हो रहा है,
मुझे ये भी पता नहीं है, ये क्या-क्या हो रहा है।।
पतवार के बिना ही, मेरी नाव चल रही है,
बनवारी बिना ही मांगे, हर चीज मिल रही है,
मर्जी है तेरी बाबा, अच्छा ही हो रहा है।।

।।साथी हमारा कौन बनेगा।।

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(स्वर- प्रकाश ओडेका)

(तर्ज: और इस दिल में क्या रखा है…..)
साथी हमारा कौन बनेगा, तुम ना सुनोगे तो कौन सुनेगा
आ गया दर पे तेरे, सुनाई हो जाये, जिन्दगी से दुःखों की विदाई हो जाये,
एक नजर कृपा की डालो, मानूँगा एहसान,
संकट हमारा कैसे टलेगा, तुम ….
सुना हमने सभी से, खिवैया एक ही है,
ढूँढ़ ली सारी दुनिया, कन्हैया एक ही है,
अब की नैया पार लगाओ, मानूँगा एहसान,
हमको किनारा कैसे मिलेगा, तुम ….
पानी है सर से ऊपर, मुसीबत अड़ गई है,
आज हमको तुम्हारी, जरूरत पड़ गई है,
अपने हाथ में हाथ पकड़ लो, मानूँगा एहसान,
साथ हमारे कौन चलेगा, तुम…..

 

।।सांवरिया आपा होली खेला ज़ी।।

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(स्वर- प्रकाश ओडेका)

(तर्ज: बाई रा रा बीरा……)
सांवरिया आपा होली खेला जी, फागणियो आय गयो सांवरिया गिरधारी ।। टेर ।।
साँवरिया थाने, रंग म रंग देस्याँ जी,
थारे भर-भर कर मारां म्हें रंग की पिचकारी,
फागणियों….
ढ़पली पर थाने नाच नचास्याँ जी,
पग घुंघरु बाँध देवां सांवरिया गिरधारी,
फागणियों….
थारी बंशी बाजे राधिका नाचे रे,
थारा भक्तां भी नाचे दे-देकर क ताली,
फागणियों….
बंशी पर थाने भजन सुनास्याँ जी,
‘बनवारी’ चरणां पर मैं जाऊँ बलिहारी,
फागणियों….

।।अब श्याम धणी।।

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(स्वर- प्रकाश ओडेका)

(तर्ज: बाबुल की दुआएँ लेती जा ….)
अब श्याम धणी मेरा न्याय करो, करो बद जुबान ज़माने की,
दुनिया को इजाज़त दी किसने, मेरे प्रेम पे उँगली उठाने की,
मेरे भावों पे हक़ है तेरा, इसपे जग का अधिकार नहीं,
भावों पे ज़माना तंज कसें, मुझको हरगिज़ स्वीकार नहीं,
ये फर्ज़ तुम्हारा है बाबा, साँचो की लाज बचाने की,
मेरे भावों को जगवालो ने, बिन समझे ही पाखंड कहा,
मैंने कुछ ना कहा खामोश रहा, तो सबने उसे घमंड कहा,
दुनिया वालो की आदत है, हर बात पे बात बनाने की,
हर युग मे सांवरिया जग ने, भगतो पे सवाल उठाए है,
दुनिया के सवालो के आगे, हनुमान भी बच ना पाए है,
भगवान को भी नौबत आई, तब सीना चीर दिखाने की।

।।तूं क्यूँ घबराता है।।

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(स्वर- प्रकाश ओडेका)

(तर्ज: सौ बार जनम लेंगे……)
तूं क्यूँ घबराता है, तेरा श्याम से नाता है,
जब मालिक है सिर पे, क्यूं जी को जलाता है।। टेर।।
तूं देख विनय करके, तेरी लाज बचायेगा,
तूं जब भी बुलायेगा, हर बार ये आयेगा,
अपने प्रेमी को दुखी, ये देख ना पाता है।।
जब कुछ ना दिखाई दे, तूं श्याम का ध्यान लगा,
मेरा श्याम सहारा है, मन में विश्वास जगा,
जब श्याम कृपा होती, रस्ता मिल जाता है।।
जब पड़ती जरूरत है, ये आता तब तब है,
‘बिन्नू’ का ये अनुभव है, यहाँ सब कुछ सम्भव है,
मेरे श्याम की लीला को, कोई समझ ना पाता है।।

।।कहनो मान जा।।

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(स्वर- प्रियंका गुप्ता)

कहनो मान जा सावरियाँ।
इतनो मतना रुसो रे,
कहनो मान जा।।
थारे तो रुसा स सारी, दुनिया बोली मार रे।
बोली मती मरावे र बाबा, मतना रुसो रे।।
थारे तो रुसा स म्हारी, नैया डगमग डोल रे।
नैया पार लगादे र बाबा, मतना रुसो रे।।
थारे तो रुसा स म्हारी, नींदलडी खो जावे रे,
आकर धीर बंधा दे र बाबा, मतना रुसो।।
थारे तो रुसा स, ‘खाटू श्याम मण्डल’ घबरावे रे।
आकर दर्श दिखा दे र बाबा, मतना रुसो रे।

।।रखोगे लाज।।

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(स्वर- प्रकाश ओडेका)

दोहा- खाटू वाले श्याम का, ये सच्चा दरबार है।
सच्चे दिल से जो भी ध्यावे, उसका बेड़ा पार है।।
खाटू के बाबा श्याम जी, मेरी रखोगे लाज।
रखोगे लाज, मेरी रखोगे लाज।
मीरा के घनश्यामजी, मेरी रखोगे लाज।। टेर।।
टेर सुनो साँवलसा मेरी, धीर बँधाओ करो ना देरी,
दुःख हरता थारो नामजी, मेरी रखोगे लाज।।
भीख दया की कब दोगे, मेरी सुध प्रभु कब लोगे,
पूजूँ मैं थारा पाँवजी, मेरी रखोगे लाज।।
काशी, चरणाँ को चेरो, जीवन सफल बना मेरो,
थां बिन कित आरामजी, मेरी रखोगे लाज।।

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